हम सोच रहें हैं मुद्दत से अब उम्र ग़ुज़ारें भी तो कहाँ
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हम सोच रहें हैं मुद्दत से अब उम्र ग़ुज़ारें भी तो कहाँ,
सेहरा में खुशी के फूल नहीं शहरों में ग़मों के साये हैं
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हम सोच रहें हैं मुद्दत से अब उम्र ग़ुज़ारें भी तो कहाँ,
सेहरा में खुशी के फूल नहीं शहरों में ग़मों के साये हैं
Ham soch rahen hain muddat se ab umr guzaaren bhee to kahaan,
Sehara mein khushee ke phool nahin shaharon mein gamon ke saaye hain
Today's Quote
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रोज़ कोई ना कोई नाराज हो जाता है........
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संता: सर मुझे यह पूछना था कि, ये जो पेट में भूख...
Today's Status
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Guide my heart never to believe in vanities that present themselves to me on the daily basis. Strengthen my resolutions...
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