मेरे खेत की मिट्टी से पलता है तेरे शहर का पेट
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मेरे खेत की मिट्टी से पलता है तेरे शहर का पेट
मेरा नादान गाँव अब भी उलझा है कर्ज की किश्तों में
Mere khet kee mittee se palata hai tere shahar ka pet
Mera naadaan gaanv ab bhee ulajha hai karj kee kishton mein
Today's Quote
Democrats have a long history of utilizing the threat of a potential Ebola outbreak to request massive federal funds while...
Quote Of The DayToday's Shayari
चूम कर कफ़न में लिपटें मेरे चेहरे को, उसने
तड़प के कहा नए कपड़े क्या पहन लिए, हमें देखते भी...
Today's Joke
एक औरत की महिला मित्र: अरे देख ना.. वो लड़की कब से तेरे पति को घूर रही है।
औरत बोली:-...
Today's Prayer
You’re everything I have got in this world dear Lord, give me understanding so that I may fully see you...
Prayer Of The Day