सीख रहा हूँ धीरे धीरे तेरे शहर के रिवाज
Popular Shayari Topics for You.
सीख रहा हूँ धीरे धीरे तेरे शहर के रिवाज,
जिससे मतलब निकल जाए उसे जिंदगी से निकाल देना
feelthewords.com
सीख रहा हूँ धीरे धीरे तेरे शहर के रिवाज,
जिससे मतलब निकल जाए उसे जिंदगी से निकाल देना
Seekh raha hoon dheere dheere tere shahar ke rivaaj,
Jisase matalab nikal jae use jindagee se nikaal dena
Today's Shayari
लूट लेते है अपने ही वरना गैरो को क्या पता कि !
ये दिल की दीवार कमजोर कहॉ से है...
Today's Joke
टीटी: ये विकलांग लोगों का डिब्बा है, तुम इसमें सफर नहीं कर सकते?
यात्री: पर मेरे साथ तो ये है।...
Today's Prayer
The only tears you shall shed from today will be tears of joy because the lord will keep performing wonders...
Prayer Of The Day