कांच के टुकड़े बन कर बिखर गयी जिंदगी मेरी
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कांच के टुकड़े बन कर.. बिखर गयी जिंदगी मेरी ,
किसी ने समेटा ही नहीं हाथ जख्मी होने के डर से
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कांच के टुकड़े बन कर.. बिखर गयी जिंदगी मेरी ,
किसी ने समेटा ही नहीं हाथ जख्मी होने के डर से
Kaanch ke tukade ban kar.. bikhar gayee jindagee meree ,
Kisee ne sameta hee nahin haath jakhmee hone ke dar se
Today's Quote
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Quote Of The DayToday's Shayari
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Today's Joke
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To all, to each, a fair good-night, and pleasing dreams, and slumbers light.
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