कल लगी थी शहर में बद्दुआओं की महफ़िल
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कल लगी थी शहर में बद्दुआओं की महफ़िल
मेरी बरी आई तो मैंने कहा इसे भी इश्क़ हो इसे भी इश्क़ इसे भी इश्क़ हो।
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कल लगी थी शहर में बद्दुआओं की महफ़िल
मेरी बरी आई तो मैंने कहा इसे भी इश्क़ हो इसे भी इश्क़ इसे भी इश्क़ हो।
Kal lagee thee shahar mein badduaon kee mahafil
Meree baree aaee to mainne kaha ise bhee ishq ho ise bhee ishq ise bhee ishq ho.
Today's Quote
My goal every year is to come in and be consistent. It doesn't matter if it's the first game of...
Quote Of The DayToday's Shayari
करूँ क्यों फ़िक्र मौत के बाद जगह कहाँ मिलेगी
जहाँ होगी दोस्तों की महफिलें, मेरी रूह वहाँ मिलेगी
Today's Joke
एक प्रतियोगिता में पूछा गया कि एक ऐसा वाक्य बनाओ,
जिसमें दुविधा, जिज्ञासा, डर, शांति, क्रोध, हिंसा और साथ-साथ खुशी...
Today's Status
To all, to each, a fair good-night, and pleasing dreams, and slumbers light.
Status Of The DayToday's Prayer
I pray that as I walk through this earth, let signs and wonders follow me all the days of my...
Prayer Of The Day