ज़ख्म भरने लगें हैं तेरी चाहत से जो मिले थे मुझको
Popular Shayari Topics for You.
ज़ख्म भरने लगें हैं तेरी चाहत से जो मिले थे मुझको,
आ फिर कुछ ऐसा कर जा के हर ज़ख्म ताज़ा हो जाए !!
Zakhm bharane lagen hain teree chaahat se jo mile the mujhako,
Aa phir kuchh aisa kar ja ke har zakhm taaza ho jae !!
Today's Quote
Democrats have a long history of utilizing the threat of a potential Ebola outbreak to request massive federal funds while...
Quote Of The DayToday's Shayari
चूम कर कफ़न में लिपटें मेरे चेहरे को, उसने
तड़प के कहा नए कपड़े क्या पहन लिए, हमें देखते भी...
Today's Joke
एक औरत की महिला मित्र: अरे देख ना.. वो लड़की कब से तेरे पति को घूर रही है।
औरत बोली:-...
Today's Prayer
You’re everything I have got in this world dear Lord, give me understanding so that I may fully see you...
Prayer Of The Day