कल लगी थी शहर में बद्दुआओं की महफ़िल
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कल लगी थी शहर में बद्दुआओं की महफ़िल
मेरी बरी आई तो मैंने कहा इसे भी इश्क़ हो इसे भी इश्क़ इसे भी इश्क़ हो।
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कल लगी थी शहर में बद्दुआओं की महफ़िल
मेरी बरी आई तो मैंने कहा इसे भी इश्क़ हो इसे भी इश्क़ इसे भी इश्क़ हो।
Kal lagee thee shahar mein badduaon kee mahafil
Meree baree aaee to mainne kaha ise bhee ishq ho ise bhee ishq ise bhee ishq ho.
Today's Shayari
लूट लेते है अपने ही वरना गैरो को क्या पता कि !
ये दिल की दीवार कमजोर कहॉ से है...
Today's Joke
टीटी: ये विकलांग लोगों का डिब्बा है, तुम इसमें सफर नहीं कर सकते?
यात्री: पर मेरे साथ तो ये है।...
Today's Prayer
The only tears you shall shed from today will be tears of joy because the lord will keep performing wonders...
Prayer Of The Day