मजबूरी बेगैरत हो कर बाज़ारों में बिकती है
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मजबूरी बेगैरत हो कर बाज़ारों में बिकती है,
औरत के सपने मर्दों के हम-बिस्तर हो जाते हैं
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मजबूरी बेगैरत हो कर बाज़ारों में बिकती है,
औरत के सपने मर्दों के हम-बिस्तर हो जाते हैं
Majabooree begairat ho kar baazaaron mein bikatee hai,
Aurat ke sapane mardon ke ham-bistar ho jaate hain
Today's Quote
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Quote Of The DayToday's Shayari
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जहाँ होगी दोस्तों की महफिलें, मेरी रूह वहाँ मिलेगी
Today's Joke
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जिसमें दुविधा, जिज्ञासा, डर, शांति, क्रोध, हिंसा और साथ-साथ खुशी...
Today's Status
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