जाने कहाँ थे और चले थे कहाँ से हम
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जाने कहाँ थे और चले थे कहाँ से हम,
बेदार हो गए किसी ख्वाब-ए-गिराँ से हम,
ऐ नौ-बहार-ए-नाज़ तेरी निकहतों की खैर,
दामन झटक के निकले तेरे गुलसिताँ से हम।
~ Ahmad Nadeem Qasimi
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जाने कहाँ थे और चले थे कहाँ से हम,
बेदार हो गए किसी ख्वाब-ए-गिराँ से हम,
ऐ नौ-बहार-ए-नाज़ तेरी निकहतों की खैर,
दामन झटक के निकले तेरे गुलसिताँ से हम।
~ Ahmad Nadeem Qasimi
Jaane Kahan The Aur Chale The Kahaan Se Ham,
Bedaar Ho Gaye Kisi Khwaab-E-Giraan Se Ham,
Ai Nau-Bahaar-E-Naaz Teri Nikahaton Ki Khair,
Daaman Jhatak Ke Nikle Tere Gulsitaan Se Ham.
Today's Shayari
वो तिरंगे वाली DP हो तो लगा लो जरा..,
सुना है देशभक्ति दिखाने वाली तारीख आ रही है !!
Today's Joke
“नमो” और “रागा” के बाद की अपार सफलता के बाद…
अब बिहार में, पहली बार…..
एक और, बिल्कुल नया abbreviation:...
Today's Prayer
This Friday may the Lord hear your cries, give you strength, and grant you blessings that go above and beyond...
Prayer Of The Day