अपने मरकज़ की तरफ माइल ए परवाज़ था हुस्न
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अपने मरकज़* की तरफ माइल-ए-परवाज़* था हुस्न
भूलता ही नहीं आलम तिरी अंगड़ाई का
* मरकज़ = केंद्र
* माइल-ए-परवाज़ = उड़ान भरने के लिए झुकना
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अपने मरकज़* की तरफ माइल-ए-परवाज़* था हुस्न
भूलता ही नहीं आलम तिरी अंगड़ाई का
* मरकज़ = केंद्र
* माइल-ए-परवाज़ = उड़ान भरने के लिए झुकना
Apne marqaj ki taraf maaial-e-parwaz tha husan
Bhoolta hi nahin aalam tiri angadaai ka
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