फ़िक्र ये थी कि शब-ए-हिज्र कटेगी कैसे
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फ़िक्र ये थी कि शब-ए-हिज्र कटेगी कैसे,
लुत्फ़ ये है कि हमें याद न आया कोई।
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फ़िक्र ये थी कि शब-ए-हिज्र कटेगी कैसे,
लुत्फ़ ये है कि हमें याद न आया कोई।
Fikr Ye Thi Ke Shab-E-Hizr Kategi Kaise,
Lutf Ye Hai Ke Humein Yaad Na Aaya Koyi.
Today's Shayari
हद से बढ़ जाये ताल्लुक़ तो गम मिलते हैं,
हम इसी वास्ते हर शख्स से कम मिलते हैं.
Today's Joke
मम्मी: हमारा बेटा डॉक्टर बनेगा।
पापा: नहीं-नहीं, हमारा बेटा पायलट बनेगा।
बेटा (फेसबुक पर): श्रेया रिप्लाई कर दो वरना मैं...
Today's Prayer
Great things are coming your way. Keep your head high and stay strong because you are a star. The lord...
Prayer Of The Day