ये सोचकर रोक लेता हूँ कलम को तेरी तारीफ लिखते लिखते
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ये सोचकर रोक लेता हूँ कलम को तेरी तारीफ लिखते लिखते,
की कहीं इन लफ़्ज़ों को सबसे बेहतरीन होने का गुमान ना हो जाये.......
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ये सोचकर रोक लेता हूँ कलम को तेरी तारीफ लिखते लिखते,
की कहीं इन लफ़्ज़ों को सबसे बेहतरीन होने का गुमान ना हो जाये.......
Ye sochakar rok leta hoon kalam ko teree taareeph likhate likhate,
Kee kaheen in lafzon ko sabase behatareen hone ka gumaan na ho jaaye.......
Today's Quote
I think you can have a ridiculously enormous and complex data set, but if you have the right tools and...
Quote Of The DayToday's Shayari
निहार रहा था उसके चेहरे की खुली किताब को
कमबख्त बोल बैठी देखो जी नक़ल करना जुर्म है
Today's Joke
पागलखाने में आया हुआ एक डॉक्टर मरीजों से घूम-घूम कर मिल रहा था।
एक मरीज के पास वह पहुंचा तो...
Today's Status
Wake up and make yourself a part of this beautiful morning. A beautiful world is waiting outside your door. Have...
Status Of The DayToday's Prayer
May the mercy of the Lord be on you and give you peace on every side. May you be made...
Prayer Of The Day