बेशक इंसान अब चाँद सितारें छूने लगा है
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बेशक इंसान अब चाँद-सितारें छूने लगा है,
परन्तु फसल आज भी जमीन पर ही उगती है.
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बेशक इंसान अब चाँद-सितारें छूने लगा है,
परन्तु फसल आज भी जमीन पर ही उगती है.
Beshak insaan ab chaand-sitaaren chhoone laga hai,
Parantu phasal aaj bhee jameen par hee ugatee hai.
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