ज़ब्त ए सैलाब ए मुहब्बत को कहाँ तक रोके
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ज़ब्त-ए-सैलाब-ए-मुहब्बत को कहाँ तक रोके
दिल में जो बात हो आखों से बयाँ होती है !!
jabt-e-sailaab-e-muhabbat ko kahan tak roke
Dil mein jo baat ho aankhon se bayaan hoti hai
Today's Shayari
उसकी चाहत का और क्या हिसाब दू.....
मैंने बिंदी भी लगाई तो अपने बाबू के आँखों में देखकर ।।
Today's Joke
लड़की अपने दोस्त से “फ्री हो क्या मुझे बाजार तक जाना है...
और मेरी स्कूटी खराब हो गयी है”
लड़का:...
Today's Prayer
Fill my heart with joy and gladness that will make my health spring forth. Fill my days with pleasure and...
Prayer Of The Day