चेहरा देख कर इंसान पहचानने की कला थी मुझमें
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चेहरा देख कर इंसान पहचानने की कला थी मुझमें,
तकलीफ़ तो तब हुई जब इन्सानों के पास चेहरे बहुत थे.
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चेहरा देख कर इंसान पहचानने की कला थी मुझमें,
तकलीफ़ तो तब हुई जब इन्सानों के पास चेहरे बहुत थे.
Chehara dekh kar insaan pahachaanane kee kala thee mujhamen,
Takaleef to tab huee jab insaanon ke paas chehare bahut the.
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