गिरा रही थी जिंदगी मुझे बार बार अलग अलग ठोकरों से
Popular Shayari Topics for You.
गिरा रही थी जिंदगी मुझे बार-बार अलग-अलग ठोकरों से,
बर्ताव कर रहा हो जैसे कोई मालिक अपने नौकरों से,
हिम्मत और हौसले को मैंने फिर भी अपनी बैसाखियाँ बनायीं
पहुँच गया सफलता की मंजिल पे
feelthewords.com
गिरा रही थी जिंदगी मुझे बार-बार अलग-अलग ठोकरों से,
बर्ताव कर रहा हो जैसे कोई मालिक अपने नौकरों से,
हिम्मत और हौसले को मैंने फिर भी अपनी बैसाखियाँ बनायीं
पहुँच गया सफलता की मंजिल पे
Gira rahee thee jindagee mujhe baar-baar alag-alag thokaron se,
Bartaav kar raha ho jaise koee maalik apane naukaron se,
Himmat aur hausale ko mainne phir bhee apanee baisaakhiyaan banaayeen
Pahunch gaya saphalata kee manjil pe
Today's Quote
Women are just so much tougher and more patient than men are - their capacity for empathy blows me away....
Quote Of The DayToday's Shayari
उम्मीदों का दामन थाम रहे हो, तो "हौसला" कायम रखना...
क्योकि,
जब नाकामियां "चरम" पर हों, तो "कामयाबी" बेहद करीब...
Today's Joke
विवाहित पुरुष की सबसे छोटी परिभाषा
“एक था टाइगर''
और
अविवाहित पुरुष की सबसे छोटी परिभाषा
“टाइगर अभी जिन्दा है''
Today's Status
Now that your eyes are open, make the sun jealous with your burning passion to start the day. Make the...
Status Of The DayToday's Prayer
Hearty and hale, you are this morning. So shall you be for the rest of the day in the name...
Prayer Of The Day