कैसे मुमकिन था किसी और दवा से इलाज ग़ालिब
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कैसे मुमकिन था किसी और दवा से इलाज ग़ालिब,
इश्क़ का रोग था, बाप की चप्पल से ही आराम आया।
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कैसे मुमकिन था किसी और दवा से इलाज ग़ालिब,
इश्क़ का रोग था, बाप की चप्पल से ही आराम आया।
Kaise mumakin tha kisee aur dava se ilaaj gaalib,
Ishq ka rog tha, baap kee chappal se hee aaraam aaya.
Today's Quote
Just for the record, I personally do agree with some of the sentiments of Rabbi Meir Kahane. I think he...
Quote Of The DayToday's Shayari
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रोज़ कोई ना कोई नाराज हो जाता है........
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संता: सर मुझे यह पूछना था कि, ये जो पेट में भूख...
Today's Status
A real friend is one who walks in when the rest of the world walks out.
Status Of The DayToday's Prayer
Guide my heart never to believe in vanities that present themselves to me on the daily basis. Strengthen my resolutions...
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