ज़िक्र उनका ही आता है मेरे फ़साने में
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ज़िक्र उनका ही आता है मेरे फ़साने में,
जिनको जान से ज्यदा चाहते थे हम किसी ज़माने में।
तन्हाई में उनकी ही याद का सहारा मिला,
जिनको नाकाम रहे हम भुलानें में।
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ज़िक्र उनका ही आता है मेरे फ़साने में,
जिनको जान से ज्यदा चाहते थे हम किसी ज़माने में।
तन्हाई में उनकी ही याद का सहारा मिला,
जिनको नाकाम रहे हम भुलानें में।
Zikr Unka Hi Aata Hai Mere Fasaane Mein,
Jinko Jaan Se Jyada Chahte Hain Zamaane Mein,
Tanhayi Mein Unki Hi Yaad Ka Sahara Mila,
Jinko Nakaam Rahe Hum Bhulaane Mein.
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