मेरी दास्ताँ का उरोज था
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मेरी दास्ताँ का उरोज था
तेरी नर्म पलकों की छाँव में,
मेरे साथ था तुझे जागना
तेरी आँख कैसे झपक गयी।
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मेरी दास्ताँ का उरोज था
तेरी नर्म पलकों की छाँव में,
मेरे साथ था तुझे जागना
तेरी आँख कैसे झपक गयी।
Meri Daastan Ka Uroj Tha,
Teri Narm Palkon Ke Chhaon Mein,
Mere Saath Tha Tujhe Jaagna,
Teri Aankh Kaise Jhapak Gayi.
Today's Shayari
वो तिरंगे वाली DP हो तो लगा लो जरा..,
सुना है देशभक्ति दिखाने वाली तारीख आ रही है !!
Today's Joke
“नमो” और “रागा” के बाद की अपार सफलता के बाद…
अब बिहार में, पहली बार…..
एक और, बिल्कुल नया abbreviation:...
Today's Prayer
This Friday may the Lord hear your cries, give you strength, and grant you blessings that go above and beyond...
Prayer Of The Day