फर्क नहीं पडता दुश्मन कि संख्या कितनी है
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फर्क नहीं पडता दुश्मन कि संख्या कितनी है,
जीत तो अपने बुलंद हौसलों से होती है
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फर्क नहीं पडता दुश्मन कि संख्या कितनी है,
जीत तो अपने बुलंद हौसलों से होती है
Phark nahin padata dushman ki sankhya kitanee hai,
Jeet to apane buland hausalon se hotee hai
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