निहार रहा था उसके चेहरे की खुली किताब को
Popular Shayari Topics for You.
निहार रहा था उसके चेहरे की खुली किताब को
कमबख्त बोल बैठी देखो जी नक़ल करना जुर्म है
feelthewords.com
निहार रहा था उसके चेहरे की खुली किताब को
कमबख्त बोल बैठी देखो जी नक़ल करना जुर्म है
Nihaar raha tha usake chehare kee khulee kitaab ko
Kamabakht bol baithee dekho jee naqal karana jurm hai
Today's Quote
Just for the record, I personally do agree with some of the sentiments of Rabbi Meir Kahane. I think he...
Quote Of The DayToday's Shayari
रिश्तों को सम्भालते सम्भालते थकान सी होने लगी है...
रोज़ कोई ना कोई नाराज हो जाता है........
Today's Joke
मास्टर जी: किसी को कुछ पूछना है क्या?
संता: सर मुझे यह पूछना था कि, ये जो पेट में भूख...
Today's Status
A real friend is one who walks in when the rest of the world walks out.
Status Of The DayToday's Prayer
Guide my heart never to believe in vanities that present themselves to me on the daily basis. Strengthen my resolutions...
Prayer Of The Day