Sakaratmak Anmol Vachan (सकारात्मक अनमोल वचन)
Most Famous Sakaratmak Anmol Vachan of All Time!
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केवल प्रसन्नता ही एकमात्र इत्र है,
जिसे आप दुसरो पर छिड़के तो उसकी कुछ बुँदे अवश्य ही आप पर भी पड़ती है...
कोई त्रुटी तर्क-वितर्क करने से सत्य नहीं बन सकती,
और ना ही कोई सत्य इसलिए त्रुटी नहीं बन सकता है
क्योंकि कोई उसे देख नहीं रहा...
Koee trutee tark-vitark karane se saty nahin ban sakatee,
Aur na hee koee saty isalie trutee nahin ban sakata hai
Kyonki koee use dekh nahin raha...
मृत, अनाथ, और बेघर को इससे क्या फर्क पड़ता है,
कि यह तबाही सर्वाधिकार या फिर स्वतंत्रता या लोकतंत्र के पवित्र नाम पर लायी जाती है ?
मैं मरने के लिए तैयार हूँ, पर ऐसी कोई वज़ह नहीं है.
जिसके लिए मैं मारने को तैयार हूँ...
पूंजी अपने-आप में बुरी नहीं है, उसके गलत उपयोग में ही बुराई है.
किसी ना किसी रूप में पूंजी की आवश्यकता हमेशा रहेगी...
धर्म और व्यावहारिक जीवन अलग नहीं हैं। सन्यास लेना जीवन का परित्याग करना नहीं है। असली भावना सिर्फ अपने लिए काम करने की बजाये देश को अपना परिवार बना मिलजुल कर काम करना है। इसके बाद का कदम मानवता की सेवा करना है और अगला कदम ईश्वर की सेवा करना है।
जीवन एक ताश के खेल की तरह है, सही पत्तों का चयन हमारे हाथ में नहीं है, लेकिन हमारी सफलता निर्धारित करने वाले पत्ते खेलना हाथ में है।
ईश्वर की यही इच्छा हो सकती है कि मैं जिस उद्देश्य का प्रतिनिधित्व करता हूँ वो मेरे आजादी में रहने से ज्यादा मेरी पीड़ा में अधिक समृद्धि हो।
मानव स्वभाव ही ऐसा है कि हम बिना उत्सवों के नहीं रह सकते. उत्सव प्रिय होना मानव स्वभाव है. हमारे त्यौहार होने ही चाहियें।
यदि हम किसी भी देश के इतिहास को अतीत में जाएं , तो हम अंत में मिथकों और परम्पराओं के काल में पहुंच जाते हैं जो आखिरकार अभेद्य अन्धकार में खो जाता है।
अगर आप रुके और हर भौंकने वाले कुत्ते पर पत्थर फेंकेंगे तो आप कभी अपने गंतव्य तक नहीं पहुंचेंगे. बेहतर होगा कि हाथ में बिस्कुट रखें और आगे बढ़ते जायें।
ये सच है कि बारिश की कमी के कारण अकाल पड़ता है लेकिन ये भी सच है कि भारत के लोगों में इस बुराई से लड़ने की शक्ति नहीं है।
एकता के बिना जनशक्ति शक्ति नहीं है जबतक उसे ठीक तरह से सामंजस्य में ना लाया जाए और एकजुट ना किया जाए, और तब यह आध्यात्मिक शक्ति बन जाती है.
यह सच है कि पानी में तैरने वाले ही डूबते हैं किनारे पर खडे रहने वाले नहीं मगर ऐसे लोग कभी तैरना भी नहीं सीख पाते हैं.
आपकी अच्छाई आपके मार्ग में बाधक है, इसलिए अपनी आंखें को क्रोध से लाल होने दीजिये, और अन्याय का मजबूत हाथों से सामना कीजिये
मैं संकट एवं विपदाओं से भयभीत नहीं होता.
संकटपूर्ण दिन आने पर भी मैं भागूँगा नहीं,
वरन आगे बढकर कष्टों को सहन करूँगा .....
मुझे यह नहीं मालूम की,
स्वतंत्रता के इस युद्ध में हममे से कौन कौन जीवित बचेंगे.
परन्तु में यह जानता हूँ, अंत में विजय हमारी ही होगी....
मेरी एक ही इच्छा है कि भारत एक अच्छा उत्पादक हो और इस देश में कोई भूखा ना हो , अन्न के लिए आंसू बहाता हुआ.
आज हमारे अन्दर बस एक ही इच्छा होनी चाहिए,
मरने की इच्छा ताकि भारत जी सके..
एक शहीद की मौत मरने की इच्छा,
ताकि स्वतंत्रता का मार्ग शहीदों के खून से प्रशश्त हो सके...
ये हमारा कर्तव्य है कि हम अपनी स्वतंत्रता का मोल अपने खून से चुकाएं.
हमें अपने बलिदान और परिश्रम से जो आज़ादी मिलेगी,
हमारे अन्दर उसकी रक्षा करने की ताकत होनी चाहिए...
इतना तो आप भी मानेंगे, एक न एक दिन तो मैं जेल से अवश्य मुक्त हो जाऊँगा,
क्योंकि प्रत्येक दुःख का अंत होना अवश्यम्भावी है ...
हमारी राह भले ही भयानक और पथरीली हो,
हमारी यात्रा चाहे कितनी भी कष्टदायक हो,
फिर भी हमें आगे बढ़ना ही है..
सफलता का दिन दूर हो सकता है, पर उसका आना अनिवार्य है....
यदि देशहित मरना पड़े
मुझे सहस्रों बार भी,
तो भी न मैं इस कष्ट को निज ध्यान में लाऊं
कभी. हे ईश भारतवर्ष में शत बार मेरा जन्म हो,
कारण सदा ही मृत्यु का देशोपकारक कर्म हो.......
मैं जानता हूँ कि मैं मरूँगा,
किन्तु मैं मरने से नहीं घबराता. किन्तु जनाब,
क्या इससे सरकार का उद्देश्य पूर्ण होगा?
क्या इसी तरह हमेशा भारत माँ के वक्षस्थल पर विदेशियों का तांडव नृत्य होता रहेगा?
कदापि नहीं. इतिहास इसका प्रमाण है.
मैं मरूँगा किन्तु फिर दुबारा जन्म लूँगा
और मातृभूमि का उद्धार करूँगा...
पंथ, सम्प्रदाय, मजहब अनेक हो सकते हैं,
किन्तु धर्म तो एक ही होता है.
यदि पंथ- सम्प्रदाय उस एक ईश्वर की उपासना के लिए
प्रेरणा देते हैं तो ठीक
अन्यथा शक्ति का बाना पहनकर सांप्रदायिकता को बढ़ावा देना
न धर्म है और न ही ईश्वर भक्ति....
मेरा यह दृढ निश्चय है कि
मैं उत्तम शरीर धारण कर नवीन शक्तियों सहित
अति शीघ्र ही
पुनः भारत में ही किसी निकटवर्ती संबंधी या इष्ट मित्र के
गृह में जन्म ग्रहण करूँगा
क्योंकि मेरा जन्म-जन्मान्तरों में भी यही उद्देश्य रहेगा कि
मनुष्य मात्र को सभी प्राकृतिक साधनों पर
समानाधिकार प्राप्त हो. कोई किसी पर हुकूमत न करे.....
यदि किसी के मन में जोश, उमंग या उत्तेजना पैदा हो
तो शीघ्र गावों में जाकर कृषक की दशा को सुधारें.
अहिंसा को आत्म-बल के सिद्धांत का समर्थन प्राप्त है जिसमे अंतत: प्रतिद्वंदी पर जीत की आशा में कष्ट सहा जाता है . लेकिन तब क्या हो जब ये प्रयास अपना लक्ष्य प्राप्त करने में असफल हो जाएं ? तभी हमें आत्म -बल को शारीरिक बल से जोड़ने की ज़रुरत पड़ती है ताकि हम अत्याचारी और क्रूर दुश्मन के रहमोकरम पर ना निर्भर करें।
आम तौर पर लोग चीजें जैसी हैं उसके आदि हो जाते हैं और बदलाव के विचार से ही कांपने लगते हैं। हमें इसी निष्क्रियता की भावना को क्रांतिकारी भावना से बदलने की ज़रुरत है।
इंसान तभी कुछ करता है जब वो अपने काम के औचित्य को लेकर सुनिश्चित होता है , जैसाकि हम विधान सभा में बम फेंकने को लेकर थे।
दुनिया का सबसे बड़ा धर्म है,
अपने स्वभाव के प्रति सच्चे होना.
स्वयं पर विश्वास करो..
लगातार पवित्र विचार करते रहें.
बुरे संस्कारों को दबाने के लिए एकमात्र समाधान यही है..
उस व्यक्ति ने अमरत्व प्राप्त कर लिया है,
जो किसी सांसारिक वस्तु से व्याकुल नहीं होता.
मुझे पसन्द करो या न पसन्द करो दोनों मेरे ही पक्ष में है.
यदि आप मुझे पसन्द करोगें तो
मैं आप के दिल में रहूँगां और अगर न पसन्द करोगे तो मैं आपके दिमाग़ में रहूँगा..
कोई व्यक्ति कितना ही महान क्यों न हो,
आंखे मूंदकर उसके पीछे न चले.
यदि ईश्वर की ऐसी ही मंशा होती तो वह हर प्राणी को आंख, नाक, कान, मुंह और दिमाग़ क्यों देते?
आज हमारे देश को आवश्यकता है.
लोहे के समान मांसपेशियों और वज्र के समान स्नायुओं की.
हम बहुत दिनों तक रो चुके,
अब और रोने की आवश्यकता नहीं,
अब अपने पैरों पर उठ खड़े हो एवं मनुष्य बनो.
एक समय में एक काम करो
और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमें डाल दो
और बाकी सब कुछ भूल जाओ..
जिस समय जिस काम के लिए प्रतिज्ञा करो,
ठीक उसी समय पर उसे करना ही चाहिए,
नही तो लोगो का विश्वास उठ जाता है..
शेर आगे छलांग मारने के लिए एक कदम पीछे हटाता है,
इसलिए जब जिंदगी आपको पीछे धकेलती है,
तो घबरायें नहीं,
जिंदगी आपको ऊँची छलाँग देने के लिए तैयार है
सकारात्मक सोचें
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सभी अनमोल वचन और सुविचार इंटरनेट की दुनिया में लोकप्रिय है। इनके रचनाकार का नाम पता नहीं चल सका। अगर आपको लेखक का नाम मालूम हो तो ज़रूर बताएं। अनमोल वचन और सुविचार के साथ रचनाकार का नाम लिखने में हमें ख़ुशी होगी।
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Just for the record, I personally do agree with some of the sentiments of Rabbi Meir Kahane. I think he...
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रिश्तों को सम्भालते सम्भालते थकान सी होने लगी है...
रोज़ कोई ना कोई नाराज हो जाता है........
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मास्टर जी: किसी को कुछ पूछना है क्या?
संता: सर मुझे यह पूछना था कि, ये जो पेट में भूख...
Today's Status
A real friend is one who walks in when the rest of the world walks out.
Status Of The DayToday's Prayer
Guide my heart never to believe in vanities that present themselves to me on the daily basis. Strengthen my resolutions...
Prayer Of The Day