मेरी दास्ताँ का उरोज था
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मेरी दास्ताँ का उरोज था
तेरी नर्म पलकों की छाँव में,
मेरे साथ था तुझे जागना
तेरी आँख कैसे झपक गयी।
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मेरी दास्ताँ का उरोज था
तेरी नर्म पलकों की छाँव में,
मेरे साथ था तुझे जागना
तेरी आँख कैसे झपक गयी।
Meri Daastan Ka Uroj Tha,
Teri Narm Palkon Ke Chhaon Mein,
Mere Saath Tha Tujhe Jaagna,
Teri Aankh Kaise Jhapak Gayi.
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