बदली सावन की कोई जब भी बरसती होगी
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बदली सावन की कोई जब भी बरसती होगी,
दिल ही दिल में वह मुझे याद तो करती होगी,
ठीक से सो न सकी होगी कभी ख्यालों से मेरे,
करवटें रात भर बिस्तर पे बदलती होगी।
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बदली सावन की कोई जब भी बरसती होगी,
दिल ही दिल में वह मुझे याद तो करती होगी,
ठीक से सो न सकी होगी कभी ख्यालों से मेरे,
करवटें रात भर बिस्तर पे बदलती होगी।
Badali Sawan Ki Koi Jab Bhi Barasati Hogi,
Dil Hi Dil Mein Woh Mujhe Yaad Toh Karti Hogi,
Thheek Se So Na Saki Hogi Kabhi Khayalon Se Mere,
Karbatein Raat Bhar Bistar Pe Badalti Hogi.
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