जो नज़रें रूकती नहीं ढूढंते हुए मंज़िल ए अहम
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जो नज़रें रूकती नहीं ढूढंते हुए मंज़िल-ए-अहम
उन नज़रों की गिरफ़्त में एक ज़माना आज भी क़ैद हैं।
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जो नज़रें रूकती नहीं ढूढंते हुए मंज़िल-ए-अहम
उन नज़रों की गिरफ़्त में एक ज़माना आज भी क़ैद हैं।
Jo nazaren rookatee nahin dhoodhante hue manzil-e-aham
Un nazaron kee giraft mein ek zamaana aaj bhee qaid hain.
Today's Shayari
उसकी चाहत का और क्या हिसाब दू.....
मैंने बिंदी भी लगाई तो अपने बाबू के आँखों में देखकर ।।
Today's Joke
लड़की अपने दोस्त से “फ्री हो क्या मुझे बाजार तक जाना है...
और मेरी स्कूटी खराब हो गयी है”
लड़का:...
Today's Prayer
Fill my heart with joy and gladness that will make my health spring forth. Fill my days with pleasure and...
Prayer Of The Day