ख़त्म हुआ अब महबूब की गलियों मे घूमने का दस्तूर
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ख़त्म हुआ अब महबूब की गलियों मे घूमने का दस्तूर,
अब जब भी उनकी याद आती है, DP खोल के देख लेते हैं।
Khatm hua ab mahaboob kee galiyon me ghoomane ka dastoor,
Ab jab bhee unakee yaad aatee hai, dp khol ke dekh lete hain.
Today's Shayari
उसकी चाहत का और क्या हिसाब दू.....
मैंने बिंदी भी लगाई तो अपने बाबू के आँखों में देखकर ।।
Today's Joke
लड़की अपने दोस्त से “फ्री हो क्या मुझे बाजार तक जाना है...
और मेरी स्कूटी खराब हो गयी है”
लड़का:...
Today's Prayer
Fill my heart with joy and gladness that will make my health spring forth. Fill my days with pleasure and...
Prayer Of The Day