क़ुव्वत ए तामीर थी कैसी ख़स ओ ख़ाशाक में
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क़ुव्वत-ए-तामीर थी कैसी ख़स-ओ-ख़ाशाक में
आँधियाँ चलती रहीं और आशियाँ बनता गया
(क़ुव्वत-ए-तामीर = निर्माण की ताक़त; ख़स-ओ-ख़ाशाक = सुखी घास)
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क़ुव्वत-ए-तामीर थी कैसी ख़स-ओ-ख़ाशाक में
आँधियाँ चलती रहीं और आशियाँ बनता गया
(क़ुव्वत-ए-तामीर = निर्माण की ताक़त; ख़स-ओ-ख़ाशाक = सुखी घास)
Kuvvat-e-taameer thi kaisi khas-o-khashaak mein
Aandhiyan chalti rahi aur aashiyaan banta gaya
Today's Shayari
वो तिरंगे वाली DP हो तो लगा लो जरा..,
सुना है देशभक्ति दिखाने वाली तारीख आ रही है !!
Today's Joke
“नमो” और “रागा” के बाद की अपार सफलता के बाद…
अब बिहार में, पहली बार…..
एक और, बिल्कुल नया abbreviation:...
Today's Prayer
This Friday may the Lord hear your cries, give you strength, and grant you blessings that go above and beyond...
Prayer Of The Day