शरीक-ए-बज्म होकर यूँ उचटकर बैठना तेरा
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शरीक-ए-बज्म होकर यूँ उचटकर बैठना तेरा,
खटकती है तेरी मौजूदगी में भी कमी अपनी।
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शरीक-ए-बज्म होकर यूँ उचटकर बैठना तेरा,
खटकती है तेरी मौजूदगी में भी कमी अपनी।
Shareek-e-Bazm Hokar Yun Uchatkar Baithhna Tera,
Khatkti Hai Teri Maujoodgi Mein Bhi Kami Apni.
Today's Quote
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रोज़ कोई ना कोई नाराज हो जाता है........
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