वही तफरीक का आलम है बाद-ए-मर्ग भी यारों
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वही तफरीक का आलम है बाद-ए-मर्ग भी यारों,
न कतबे एक जैसे हैं न कब्रें एक जैसी हैं।
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वही तफरीक का आलम है बाद-ए-मर्ग भी यारों,
न कतबे एक जैसे हैं न कब्रें एक जैसी हैं।
Wahi Tafreeq Ka Aalam Hai Baad-e-Marg Bhi Yaaro,
Na Katbe Ek Jaise Hain, Na Qabrein Ek Jaisi Hain.
Today's Shayari
वो तिरंगे वाली DP हो तो लगा लो जरा..,
सुना है देशभक्ति दिखाने वाली तारीख आ रही है !!
Today's Joke
“नमो” और “रागा” के बाद की अपार सफलता के बाद…
अब बिहार में, पहली बार…..
एक और, बिल्कुल नया abbreviation:...
Today's Prayer
This Friday may the Lord hear your cries, give you strength, and grant you blessings that go above and beyond...
Prayer Of The Day