मुमकिन है कि सदियों भी नजर आए न सूरज
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मुमकिन है कि सदियों भी नजर आए न सूरज,
इस बार अंधेरा मेरे अंदर से उठा है।
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मुमकिन है कि सदियों भी नजर आए न सूरज,
इस बार अंधेरा मेरे अंदर से उठा है।
Mumkin Hai Ke Sadiyon Bhi Najar Aaye Na Sooraj,
Iss Baar Andhera Mere Andar Se Uthha Hai.
Today's Shayari
उसकी चाहत का और क्या हिसाब दू.....
मैंने बिंदी भी लगाई तो अपने बाबू के आँखों में देखकर ।।
Today's Joke
लड़की अपने दोस्त से “फ्री हो क्या मुझे बाजार तक जाना है...
और मेरी स्कूटी खराब हो गयी है”
लड़का:...
Today's Prayer
Fill my heart with joy and gladness that will make my health spring forth. Fill my days with pleasure and...
Prayer Of The Day