बिछड़ के हम से फिर किसी के भी न हो सकोगे
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बिछड़ के हम से फिर किसी के भी न हो सकोगे,
तुम मिलोगे सब से मगर हमारी ही तलाश में।
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बिछड़ के हम से फिर किसी के भी न हो सकोगे,
तुम मिलोगे सब से मगर हमारी ही तलाश में।
Bichhad Ke Humse Phir Kisi Ke Bhi Na Ho Sakoge,
Tum Miloge Sab Se Magar Humari Hi Talaash Mein.
Today's Shayari
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मैंने बिंदी भी लगाई तो अपने बाबू के आँखों में देखकर ।।
Today's Joke
लड़की अपने दोस्त से “फ्री हो क्या मुझे बाजार तक जाना है...
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Today's Prayer
Fill my heart with joy and gladness that will make my health spring forth. Fill my days with pleasure and...
Prayer Of The Day