बस यही सोच कर
Popular Shayari Topics for You.
बस यही सोच कर
हर तपिश में जलता आया हूँ,
धूप कितनी भी तेज़ हो
समंदर नहीं सूखा करते।
feelthewords.com
बस यही सोच कर
हर तपिश में जलता आया हूँ,
धूप कितनी भी तेज़ हो
समंदर नहीं सूखा करते।
Bas Yehi Soch Kar
Har Tapish Mein Jalta Aaya Hoon,
Dhoop Kitni Bhi Tez Ho
Samandar Nahi Sukha Karte.
Today's Shayari
उसकी चाहत का और क्या हिसाब दू.....
मैंने बिंदी भी लगाई तो अपने बाबू के आँखों में देखकर ।।
Today's Joke
लड़की अपने दोस्त से “फ्री हो क्या मुझे बाजार तक जाना है...
और मेरी स्कूटी खराब हो गयी है”
लड़का:...
Today's Prayer
Fill my heart with joy and gladness that will make my health spring forth. Fill my days with pleasure and...
Prayer Of The Day