परिंदे लौट के जब घर को जाने लगते हैं
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परिंदे लौट के जब घर को जाने लगते हैं,
हमें भी याद दर-ओ-बाम आने लगते हैं,
जो सुनते हैं कि तेरे दिल में कोई दूसरा है,
हम चुपचाप अपना दर्द दबाने लगते हैं।
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परिंदे लौट के जब घर को जाने लगते हैं,
हमें भी याद दर-ओ-बाम आने लगते हैं,
जो सुनते हैं कि तेरे दिल में कोई दूसरा है,
हम चुपचाप अपना दर्द दबाने लगते हैं।
Parinde Laut Ke Jab Ghar Ko Aane Lagte Hain,
Humein Bhi Yaad Dar-o-Baam Aane Lagte Hain,
Jo Sunte Hain Ke Tere Dil Mein Koi Doosra Hai,
Hum Chupchap Apna Dard Dabaane Lagte Hain.
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