न ख्वाहिशें हैं न शिकवे हैं अब न ग़म हैं कोई
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न ख्वाहिशें हैं न शिकवे हैं अब न ग़म हैं कोई,
ये बेख़ुदी भी कैसे कैसे ग़ुल खिलाती है।
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न ख्वाहिशें हैं न शिकवे हैं अब न ग़म हैं कोई,
ये बेख़ुदी भी कैसे कैसे ग़ुल खिलाती है।
Na Khwahishe Hain Na Shikwe Hain Ab Na Gham Hai Koi,
Yeh Bekhudi Bhi Kaise Kaise Gul Khilati Hai.
Today's Shayari
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मैंने बिंदी भी लगाई तो अपने बाबू के आँखों में देखकर ।।
Today's Joke
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Today's Prayer
Fill my heart with joy and gladness that will make my health spring forth. Fill my days with pleasure and...
Prayer Of The Day