तुम यहाँ धरती पर लकीरें खींचते हो
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तुम यहाँ धरती पर लकीरें खींचते हो,
हम वहाँ अपने लिये नये आसमान ढूंढते हैं,
तुम बनाते जाते हो पिंजड़े पे पिंजड़ा,
हम अपने पंखों में नयी उड़ान ढूंढते हैं।
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तुम यहाँ धरती पर लकीरें खींचते हो,
हम वहाँ अपने लिये नये आसमान ढूंढते हैं,
तुम बनाते जाते हो पिंजड़े पे पिंजड़ा,
हम अपने पंखों में नयी उड़ान ढूंढते हैं।
Tum Yahan Dharti Pe Lakeerein Kheenchte Ho,
Hum Wahan Apne Liye Naye Aasmaan Dhoodte Hain,
Tum Banate Jate Ho Pinjre Pe Pinjra,
Hum Apne Pankhon Mien Nayi Udaan Dhoodte Hain.
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