एक मैं हूँ कि समझ नहीं सका खुद को आज तक
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एक मैं हूँ कि समझ नहीं सका खुद को आज तक,
दुनियाँ है कि न जाने मुझे क्या-क्या समझ लेती हैं।
Ek main hoon ki samajh nahin saka khud ko aaj tak,
Duniyaan hai ki na jaane mujhe kya-kya samajh letee hain.
Today's Shayari
उसकी चाहत का और क्या हिसाब दू.....
मैंने बिंदी भी लगाई तो अपने बाबू के आँखों में देखकर ।।
Today's Joke
लड़की अपने दोस्त से “फ्री हो क्या मुझे बाजार तक जाना है...
और मेरी स्कूटी खराब हो गयी है”
लड़का:...
Today's Prayer
Fill my heart with joy and gladness that will make my health spring forth. Fill my days with pleasure and...
Prayer Of The Day