हीरों की बस्ती में हमने कांच ही कांच बटोरे हैं
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हीरों की बस्ती में हमने कांच ही कांच बटोरे हैं
कितने लिखे फ़साने फिर भी सारे कागज़ कोरे है।
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हीरों की बस्ती में हमने कांच ही कांच बटोरे हैं
कितने लिखे फ़साने फिर भी सारे कागज़ कोरे है।
Heeron kee bastee mein hamane kaanch hee kaanch batore hain
Kitane likhe fasaane phir bhee saare kaagaz kore hai.
Today's Shayari
उसकी चाहत का और क्या हिसाब दू.....
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Today's Joke
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और मेरी स्कूटी खराब हो गयी है”
लड़का:...
Today's Prayer
Fill my heart with joy and gladness that will make my health spring forth. Fill my days with pleasure and...
Prayer Of The Day