हमारी खोज में रहती थीं तितलियाँ अक्सर
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हमारी खोज में रहती थीं तितलियाँ अक्सर,
कि अपने शहर का हुस्न-ओ-जमाल थे हम भी।
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हमारी खोज में रहती थीं तितलियाँ अक्सर,
कि अपने शहर का हुस्न-ओ-जमाल थे हम भी।
Humari Khoj Mein Rehti Thi Titliyaan Aksar,
Ke Apne Shahar Ka Husn-o-Jamaal The Hum Bhi.
Today's Shayari
उसकी चाहत का और क्या हिसाब दू.....
मैंने बिंदी भी लगाई तो अपने बाबू के आँखों में देखकर ।।
Today's Joke
लड़की अपने दोस्त से “फ्री हो क्या मुझे बाजार तक जाना है...
और मेरी स्कूटी खराब हो गयी है”
लड़का:...
Today's Prayer
Fill my heart with joy and gladness that will make my health spring forth. Fill my days with pleasure and...
Prayer Of The Day