रोज रोज गिर कर भी मुक़म्मल खड़े हैं
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रोज रोज गिर कर भी मुक़म्मल खड़े हैं,
ऐ ज़िंदगी देख मेरे हौसले तुझसे भी बड़े हैं।
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रोज रोज गिर कर भी मुक़म्मल खड़े हैं,
ऐ ज़िंदगी देख मेरे हौसले तुझसे भी बड़े हैं।
Roj Roj Gir Kar Bhi Muqammal Khade Hain,
Ai Zindgi Dekh Mere Hausle Tujhse Bhi Bade Hain.
Today's Shayari
कोई चराग़ जलाता नहीं सलीक़े से...
मगर सभी को शिकायत हवा से होती हैं...!!
Today's Joke
स्कूल के दिनों का एक स्मरण….☺
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पेपर छूटने के बाद….😞😞
बुद्धिमान मित्रों द्वारा, सॉल्व किये गए गणित का
उत्तर...
Today's Prayer
Enough miracle money to meet my basic needs and project needs come to be now. I shall swim in river...
Prayer Of The Day