मुहब्बत का ये अंज़ाम कब सोचा था
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मुहब्बत का ये अंज़ाम कब सोचा था..
मुझे रुकने को कहकर, चला गया है वो..!
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मुहब्बत का ये अंज़ाम कब सोचा था..
मुझे रुकने को कहकर, चला गया है वो..!
Muhabbat ka ye anzaam kab socha tha..
Mujhe rukane ko kahakar, chala gaya hai vo..!
Today's Shayari
कोई चराग़ जलाता नहीं सलीक़े से...
मगर सभी को शिकायत हवा से होती हैं...!!
Today's Joke
स्कूल के दिनों का एक स्मरण….☺
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पेपर छूटने के बाद….😞😞
बुद्धिमान मित्रों द्वारा, सॉल्व किये गए गणित का
उत्तर...
Today's Prayer
Enough miracle money to meet my basic needs and project needs come to be now. I shall swim in river...
Prayer Of The Day