धूप के साये बिखर आये हैं घर के अन्दर
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धूप के साये बिखर आये हैं घर के अन्दर,
इक अँधेरे ने मेरे मन से शिकायत की है।
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धूप के साये बिखर आये हैं घर के अन्दर,
इक अँधेरे ने मेरे मन से शिकायत की है।
Dhoop ke saaye bikhar aaye hain ghar ke andar,
Ik andhere ne mere man se shikaayat kee hai.
Today's Shayari
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Fill my heart with joy and gladness that will make my health spring forth. Fill my days with pleasure and...
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