चल मेरे हमनशीं अब कहीं और चल
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चल मेरे हमनशीं अब कहीं और चल,
इस चमन में अब अपना गुजारा नहीं,
बात होती गुलों तक तो सह लेते हम,
अब काँटों पे भी हक हमारा नहीं।
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चल मेरे हमनशीं अब कहीं और चल,
इस चमन में अब अपना गुजारा नहीं,
बात होती गुलों तक तो सह लेते हम,
अब काँटों पे भी हक हमारा नहीं।
Chal Mere Humnashin Ab Kahin Aur Chal,
Iss Chaman Mein Ab Apna Kahi Guzara Nahi,
Baat Hoti Gulon Tak Toh Seh Lete Hum,
Ab Toh Kaanton Pe Bhi Haq Hamara Nahi.
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