ग़ैर मुमकिन है तेरे घर के गुलाबों का शुमार
Popular Shayari Topics for You.
ग़ैर मुमकिन है तेरे घर के गुलाबों का शुमार,
मेरे रिसते हुए ज़ख़्मों के हिसाबों की तरह।
feelthewords.com
ग़ैर मुमकिन है तेरे घर के गुलाबों का शुमार,
मेरे रिसते हुए ज़ख़्मों के हिसाबों की तरह।
Gair Mumkin Hai Tere Ghar Ke Gulabon Mein Shumar,
Mere Risate Huye Zakhmo Ke Hisaabon Ki Tarah.
Today's Shayari
लूट लेते है अपने ही वरना गैरो को क्या पता कि !
ये दिल की दीवार कमजोर कहॉ से है...
Today's Joke
टीटी: ये विकलांग लोगों का डिब्बा है, तुम इसमें सफर नहीं कर सकते?
यात्री: पर मेरे साथ तो ये है।...
Today's Prayer
The only tears you shall shed from today will be tears of joy because the lord will keep performing wonders...
Prayer Of The Day