कभी खोले तो कभी ज़ुल्फ़ को बिखराए है
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कभी खोले तो कभी ज़ुल्फ़ को बिखराए है,
ज़िंदगी शाम है और शाम ढली जाए है।
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कभी खोले तो कभी ज़ुल्फ़ को बिखराए है,
ज़िंदगी शाम है और शाम ढली जाए है।
Kabhi Khole Toh Kabhi Zulf Ko Bikhraye Hai,
Zindagi Shaam Hai Aur Shaam Dhali Jaye Hai.
Today's Shayari
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The only tears you shall shed from today will be tears of joy because the lord will keep performing wonders...
Prayer Of The Day