एक दो ज़ख्म नहीं जिस्म है सारा छलनी
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एक दो ज़ख्म नहीं जिस्म है सारा छलनी,
दर्द बेचारा परेशान है कहाँ से निकले।
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एक दो ज़ख्म नहीं जिस्म है सारा छलनी,
दर्द बेचारा परेशान है कहाँ से निकले।
Ek Do Zakhm Nahin Jism Hai Saara Chhalni,
Dard Bechara Pareshaan Hai Kahan Se Nikle.
Today's Quote
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Quote Of The DayToday's Shayari
रिश्तों को सम्भालते सम्भालते थकान सी होने लगी है...
रोज़ कोई ना कोई नाराज हो जाता है........
Today's Joke
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संता: सर मुझे यह पूछना था कि, ये जो पेट में भूख...
Today's Status
A real friend is one who walks in when the rest of the world walks out.
Status Of The DayToday's Prayer
Guide my heart never to believe in vanities that present themselves to me on the daily basis. Strengthen my resolutions...
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