अब भी इल्जाम-ए-मोहब्बत है हमारे सिर पर
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अब भी इल्जाम-ए-मोहब्बत है हमारे सिर पर,
अब तो बनती भी नहीं यार हमारी उसकी।
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अब भी इल्जाम-ए-मोहब्बत है हमारे सिर पर,
अब तो बनती भी नहीं यार हमारी उसकी।
Ab Bhi Ilzam-e-Mohabbat Hai Humare Sar Par,
Ab Toh Banti Bhi Nahi Yaar Humari Uski.
Today's Shayari
उसकी चाहत का और क्या हिसाब दू.....
मैंने बिंदी भी लगाई तो अपने बाबू के आँखों में देखकर ।।
Today's Joke
लड़की अपने दोस्त से “फ्री हो क्या मुझे बाजार तक जाना है...
और मेरी स्कूटी खराब हो गयी है”
लड़का:...
Today's Prayer
Fill my heart with joy and gladness that will make my health spring forth. Fill my days with pleasure and...
Prayer Of The Day