नक़ाब उलटे हुए जब भी चमन से वह गुज़रता है
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नक़ाब उलटे हुए जब भी चमन से वह गुज़रता है,
समझ कर फूल उसके लब पे तितली बैठ जाती है।
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नक़ाब उलटे हुए जब भी चमन से वह गुज़रता है,
समझ कर फूल उसके लब पे तितली बैठ जाती है।
Naqaab ulate hue jab bhee chaman se vah guzarata hai,
Samajh kar phool usake lab pe titalee baith jaatee hai.
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