लाख तलवारे बढ़ी आती हों गर्दन की तरफ
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लाख तलवारे बढ़ी आती हों गर्दन की तरफ,
सर झुकाना नहीं आता तो झुकाए कैसे।
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लाख तलवारे बढ़ी आती हों गर्दन की तरफ,
सर झुकाना नहीं आता तो झुकाए कैसे।
Laakh talavaare badhee aatee hon gardan kee taraph,
Sar jhukaana nahin aata to jhukae kaise.
Today's Shayari
उसकी चाहत का और क्या हिसाब दू.....
मैंने बिंदी भी लगाई तो अपने बाबू के आँखों में देखकर ।।
Today's Joke
लड़की अपने दोस्त से “फ्री हो क्या मुझे बाजार तक जाना है...
और मेरी स्कूटी खराब हो गयी है”
लड़का:...
Today's Prayer
Fill my heart with joy and gladness that will make my health spring forth. Fill my days with pleasure and...
Prayer Of The Day