पंखों को खोल कि ज़माना सिर्फ उड़ान देखता है
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पंखों को खोल कि ज़माना सिर्फ उड़ान देखता है,
यूँ जमीन पर बैठकर, आसमान क्या देखता है।
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पंखों को खोल कि ज़माना सिर्फ उड़ान देखता है,
यूँ जमीन पर बैठकर, आसमान क्या देखता है।
Pankhon ko khol ki zamaana sirph udaan dekhata hai,
Yoon jameen par baithakar, aasamaan kya dekhata hai.
Today's Shayari
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Today's Joke
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Today's Prayer
Fill my heart with joy and gladness that will make my health spring forth. Fill my days with pleasure and...
Prayer Of The Day