ज़ख्म भरने लगें हैं तेरी चाहत से जो मिले थे मुझको
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ज़ख्म भरने लगें हैं तेरी चाहत से जो मिले थे मुझको,
आ फिर कुछ ऐसा कर जा के हर ज़ख्म ताज़ा हो जाए !!
Zakhm bharane lagen hain teree chaahat se jo mile the mujhako,
Aa phir kuchh aisa kar ja ke har zakhm taaza ho jae !!
Today's Quote
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Quote Of The DayToday's Shayari
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